सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली
गुंतकलमंडलपर सार्वजनिक शिकायत निवारणप्रणाली का प्रचालन
I.शिकायत निपटारे कीनीति:
मंडल स्तर पर शिकायतों का निपटारा सीधे अपर मंडल रेल प्रबंधक द्वारा किया जाता है जो सार्वजनिक शिकायतों के मंडल निदेशक भी है.
शिकायत:जब किसी व्यवस्था में ग्राहकों के लिए गारंटी सेवाओं में बाधा उत्पन्न होती है तो शिकायत दर्ज होती है. अन्यथा वह शिकायत उनके लिए आश्वस्त सेवाओं की विफलता पर व्यवस्था के लिए असंतुष्ट नोट है.
शिकायतों का स्रोत:
1.किसी शिकायत को आसानी से दर्ज करने के लिए उन विभिन्न स्थलों जैसे ड्यूटी स्टेमा, पार्सल कार्यालय, बुकिंग कार्यालय, माल गोदाम और खानपान यूनिटों आदि में उपलब्ध शिकायत पुस्तक में किया जाता है.
2.जब गाड़ी में हो तो शिकायत को गार्ड, कंडक्टर(टीटीई) और रसोई यान प्रबंधक के पास
दर्ज किया जा सकता है.
3.शिकायतों को इस प्रकार भी किया जा सकता है
4.क)सीधे पत्र
ख)अन्य मंडलों द्वारा मुख्यालय, अन्य मंडलों को प्रेषित शिकायतें
5.ई-मेल शिकायतें :ये शिकायतें संबंधित अधिकारियों के ई-मेल पते पर,जिनकी आईडीसमय सारणी में दी गई है, सीधे मेल किये जाते हैं.
6.ट्वीटरशिकायतें: ट्वीटरपरसीधे@RailMinIndia,@SCRailwayIndia, @Gmscrailwayऔर @drmgtl.कोशिकायत की जा सकती है.
संबंधित कर्मचारी/विभाग को सूचितकरते हुए तत्काल कार्रवाई की जाती है.
शिकायतों का निपटारा :
1.अधिकतर शिकायतें शिकायत पुस्तकों द्वारा प्राप्त की जाती हैं.इन शिकायतों का निपटारा कर्मचारियों के स्पष्टीकरण और स्टेशन मास्टर की अभ्युक्तियों के आधार पर किया जाता है.
2.अन्य सभी मामलों में अर्थात् मुख्यालय, अन्य मंडलों और अन्य रेलों से प्राप्त शिकायतों को संबद्ध कर्मचारियों से पूछताछ कर या संबंधित शाखा अधिकारियों की अभ्युक्तियाँ प्राप्त कर निपटाया जाएगा.
3.जहाँ घोर कदाचार या भ्रष्टाचार आरोप की शिकायतें हों स्थान में सम्मुख(कनफ्रंटेड) जांच के लिए आदेश दिया जाए.
4.प्रत्येक शिकायत पर कार्रवाई करते समय, यात्री की वेदना को ध्यान में रखा जाएगा और शिकायत का निपटारा करते हुए उसका जवाब दिया जाएगा.
5.कभी-कभी शिकायतों की सीधी सुनवाई की जाती है.शिकायत कर्ताओं की उपस्थिति में विधिवत्त रूप से सुधारात्मक कार्रवाई करते हुए सबंधित कर्मचारियों को परामर्श किया जाएगा.
6.शिकायत के प्रत्येक पहलु को ध्यान में रखते हुए शिकायतकर्ता को उत्तर दिया जाएगा.
7.प्रेस/समाचार पत्रिकाओंमें पाई गई शिकायतों के निपटारे के लिए भी प्राथमिकता दी जाएगी.
II.शिकायतों के निपटारेके लिए उपलब्ध विभिन्न माध्यम
गाडी पर: यात्री अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए चल टिकट परीक्षक, रेसुब/जीआरपी यागाडी के गार्ड से संपर्क कर सकते हैं.
स्टेशनों पर:यात्री अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए स्टेशन मास्टर, टिकट कलक्टर, रेसुब या जीआरपी द्वारा रखी गयी सहायता चौकियों में संपर्क कर सकते हैं.
मंडल स्तरपर : सफर करने वाले यात्री अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए अपर मंडल रेल प्रबंधक या कोई वाणिज्य अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
विशेष मानिटरिंग सेल:
द.म.रेलवे ने बेहतर रेल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए विशेष मानिटरिंग कक्ष की व्यवस्था की है.
इन विशेष मानिटरिंग कक्षों की व्यवस्था द.म.रेलवे के मुख्यालय और मंडल के मुख्यालयों में की गई है.
खानपान, यात्री सुख-सुविधाएं, साफ-सफाई और देर से चलती गाडियों से संबंधित समस्याओं की रिपोर्ट इन मानिटरिंग सेलों के नामित अधिकारियों को दी जा सकती है जिनके संपर्क नंबर समय-समय पर सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों तथा समय सारणी में दर्शाए गए हैं.मंडल स्तर पर अमंरेप्र/प्रचालनइसके नोडल अधिकारी होंगे.
रेल मदद आवेदन की विशेषताएं
(1) रेल मदद यात्री से न्यूनतम आदानों के साथ एक शिकायत दर्ज करता है (फोटो का विकल्प भी उपलब्ध है), तुरंत अद्वितीय आईडी जारी करता है और तत्काल कार्रवाई के लिए संबंधित फील्ड अधिकारियों को ऑनलाइन शिकायत रिले करता है . शिकायत पर की गई कार्रवाई को एसएमएस के माध्यम से यात्री को रिले भी किया जाता है, इस प्रकार डिजिटाइजेशन के माध्यम से शिकायतों के निवारण की पूरी प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक किया जाता है . मंडल स्तर, जोनल स्तर और रेलवे बोर्ड स्तर पर शिकायतों की निगरानी और निराकरण किया जाता है.
(2) यहऐप विभिन्न हेल्पलाइन नंबर (जैसे, सुरक्षा, चाइल्ड हेल्पलाइन आदि) भी प्रदर्शित करता है और एक आसान कदम में तत्काल सहायता के लिए सीधे कॉलिंग सुविधा प्रदान करता है.
(3) ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड सहित शिकायतें दर्ज करने के सभी तरीकों को एक ही मंच पर एकीकृत किया जा रहा है, इसलिए परिणामी प्रबंधन रिपोर्ट कमजोर/कमी वाले क्षेत्रों की समग्र तस्वीर प्रस्तुत करती है और संबंधित अधिकारियों द्वारा केंद्रित सुधारात्मक कार्रवाई को सक्षम करती है .
(4) डेटा विश्लेषण से चयनित ट्रेन/स्टेशन जैसे स्वच्छता, सुविधाओं आदि के विभिन्न निष्पादन मापदंडों पर भी रुझान उत्पन्न होंगे जिससे प्रबंधकीय निर्णय अधिक सटीक और प्रभावी हो जाएंगे . (5) पदानुक्रम आधारित डैशबोर्ड/रिपोर्ट डिवीजन/जोनल/रेलवे बोर्ड स्तर पर प्रबंधन के लिए उपलब्ध होगी और प्रत्येक संबंधित अधिकारी को साप्ताहिक रूप से ऑटो ईमेल के माध्यम से भेजी जाएगी .
(6) रिस्पांस टाइम " को उस समय के रूप में परिभाषित किया गया है जब ग्राहक पहली बार एक घटना रिपोर्ट बनाता है (जिसमें एक फोन संदेश छोड़ना, ईमेल भेजना, या ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम का उपयोग करना शामिल है) और जब प्रदाता वास्तव में प्रतिक्रिया देता है (स्वचालित प्रतिक्रियाएं गिनती नहीं होती हैं) और ग्राहक को यह पता चलता है कि उन्होंने वर्तमान में इस पर काम किया है.
"रिज़ॉल्यूशन टाइम" को उस समय के रूप में परिभाषित किया गया है जब ग्राहक पहली बार एक घटना रिपोर्ट बनाता है और जब वह समस्या वास्तव में हल हो जाती है.