कर्षण संगठन गुंतकल दक्षिण मध्य रेलवे कर्षण वितरण प्रस्तावना: वर्ष 1984 में गुंतकल मंडल में प्रथम विद्युत्तीकरण का कार्य गूडूर-तिरुपति के बीच बरास्ता रेणिगुंटा रेलवे जंक्शन से शुरु किया गया था. तिरुमला का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी के लिए रेणिगुंटा प्रवेश द्वार है. गुंतकल मंडल भारत के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों के बीच रेलवे लिंक को जोड़ रहा है और दमरे, द.रे, द.प.रे और म.रे के 7 अन्य मंडलों के साथ सीमाएं हैं अर्थात् गूडूरु पर विजयवाडा मंडल, नंद्याल पर गुंटूरु मंडल, डोन पर हैदराबाद मंडल, द.म.रे के सीटी (वाडी) पर सिकंदराबाद मंडल, द.प.रे के हद्दिनगुंडु (बल्लारी) पर हुबली मंडल, मध्य रेलवे के वाडी पर सोलापुर मंडल और दक्षिण रेलवे के रेणिगुंटा और बोम्मसमुद्रम (काटपाडि) पर चेन्नै मंडल जुडते हैं. प्रोफाइल विवरण : वर्ष 1984 में गूडूर - रेणिगुंटा – तिरुपति सेक्शन के लगभग 150 टीकेएम (इकहरी लाइन) का विद्युत्तीकृत करने द्वारा गुंतकल मंडल ने भारतीय रेल के विद्युत्तीकरण मान चित्र में जगह बना ली. तदुपरांत मंडल में विद्युत्तीकरण तेजी से बढने लगा है और इतने रूट कि.मी का विद्युत्तीकरण किया गया : 1041.81 / ट्रैक किलोमीटर विद्युतीकृत : 2549.31 का शेष विद्युतीकरण कार्य धर्मवरम - पाकाला और एर्रगुंट्ला - नंद्याल में चालू है और 100% का रूट किलोमीटर गुंतकल में हासिल किया जाएगा. स्व-चालित ओएचई निरीक्षण कार और सड़क वाहन गुंतकल मंडल के विद्युतीकृत मार्ग के साथ विभिन्न रख-रखाव डिपो में सुसज्जित हैं. संगठन:
·संगठन के प्रमुख वरि.मंविइंजी है और गुंतकल में उनकी सहायता मंडल अधिकारी करते हैं और रेनिगुंटा, कडपा, गुत्ती तथा रायचूर में उप मंडल अधिकारी करते हैं. मंडल में 15 ओवरहेड अनुरक्षण (ओएचई) और पावर प्रणाली स्थापनाएं (पीएसआई) डिपो तथा 16 उप स्टेशन हैं (अर्थात् 14 टीएसएस आन्ध्रप्रदेश राज्य में, 1 टीएसएस तेलंगाना राज्य में एवं 1 टीएसएस कर्नाटक राज्य में) जिनके लिए 220/132/110 कि.वा की अधिक विश्वसनीयता पर आ.प्र.ट्रांसको/टीएस ट्रांसको/केपीटीसीएल से पावर सप्लाई प्राप्त होती है. 220/132/110 किवा की विद्युत सप्लाई 25 कि.वा तक कम होकर ओवरहेड उपकरण के माध्यम से लोको को सप्लाई की जाती है. ·31.05.2021 से कर्षण/गुंतकल मंडल से संबंधित यादगीर कर्षण सब स्टेशन ओपन एक्सेस में बदल रहा है, यह गुंतकल मंडल में पहला और एससीआर में दूसरा है. अब से बिजली भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) से ओपन एक्सेस के जरिए प्राप्त की जाएगी. ·ओएचई डिपो कर्षण स्थपनाओं का निवारक रखरखाव करता है, जिससे लोकोमोटिव का पेंटोग्राफ ट्रैक के ऊपर वाले तारों से करंट खींचता है. पीएसआई डिपो रेलवे कर्षण सब-स्टेशनों का रखरखाव करता है जो ओएचई को 25 केवी एसी का पावर सप्लाई करता है. |