परिचालन विभाग विशेष रूप से परिवहन में अपनी भूमिका प्रस्तुत करती है. इस कार्य़चालन में परिचालन विभाग रेलवे के सभी विभागों को प्रयासों का उपयोग करता है और प्रचालन परिसंपत्ति अर्थात ट्रैक, सिग्नल फिक्स्ड इंस्टॉलेशन और रोलिंग स्टॉक आदि का उपयोग करता है. मोटे तौर पर, इन कार्यों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है: परिवहन सेवा की योजना - इसमें लंबी अवधि के साथ-साथ अल्पकालिक योजना भी शामिल है. यात्री गाड़ियों को चलाने की योजना और इसकी विस्तृत समय सारणी साल में एक बार जारी की जाती है. अपेक्षित मांग को पूरा करने के लिए रोलिंग स्टॉक और लोकोमोटिव की व्यवस्था की जाती है. इसी तरह माल यातायात के लिए वैगनों की सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी हैं. गाड़ियों का प्रचालन और निरंतर निगरानी – परिवहन कर्मचारी जो मूल एवं गंतव्य स्टेशनों के साथ-साथ रोड साइड के परे स्टेशन जो 24 घंटे व्यस्थ रहते हैं उनके गाड़ियों के यथा समय और सुरक्षित प्रचालन को सुनिश्चित करते हैं. संरक्षा – संरक्षा, प्रचालन का एक अभिन्न अंग है साथ ही साथ सुरक्षित तरीके से गाड़ियों के प्रचालन को सुनिश्चित करना भी परिचालन विभाग की जिम्मेदारी है. इसके लिए सुरक्षित गाड़ी प्रचालन के नियमों और प्रक्रियाओं का कठोर अनुपालन करने की आवश्यकता है. अर्थव्यवस्था और दक्षता – परिचालन विभाग, प्रणाली की उत्पादकता के लिए जिम्मेदार है. यह टन और किलोमीटर यात्री किलोमीटर जैसे परिचालन सूचकांकों को मापा जाता है. |