उद्धेश्य
कर्षण वितरण का उद्धेश्य माल गाड़ी और पैसेंजर गाडी सेवाओं के सुरक्षित, विश्वसनीय और कुशल परिचालन उपलब्ध करना है.
गतिविधियाँ

दक्षिण मध्य रेलवे पर विद्युतीकरण की प्रगति
विजयवाड़ा-गुडूर सेक्शन के विद्युतीकरण के साथ दमरे पर विद्युतीकरण 1980 में आरंभ हुआ. मार्च 2023 के अंत तक, कुल 5,802 रूट किलोमीटर और 12,005 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गयाजो दमरे के छह मंडलों सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, गुंतकल, गुंटूर, हैदराबाद और नांदेड़ तक फैला हुआ है. दमरे पर कुल 6,471 (बला) रूट किलोमीटर ट्रैक में से, 5,802 रूट किलोमीटर अर्थात् कुल ट्रैक का 90% विद्युतीकृत किया गया है और 2022-23 में दमरे ने 1017 रूट किलोमीटरका विद्युतीकरण किया जो भारतीय रेल पर दूसरा सबसे अधिक कार्य है. प्रतिष्ठित वंदे भारत गाड़ी विद्युत कर्षण पर कार्य करती है. 8 कार वाली वंदे भारत गाड़ी में लगभग 4500 एचपी पावर है और 16 कार वाली वंदे भारत गाड़ी में लगभग 9000 एचपी पावर है.
विद्युत विभाग के इस विंग द्वारा निम्नलिखित कार्यों का रखरखाव किया जाता है
मंडलवार विद्युतीकरण (31.03.2023तक)
मंडल | दमरे पर कुल मार्ग किमी | कुल विद्युतीकृत मार्ग किमी (बीजी) | कुल विद्युतीकृत रेलपथ किमी (बीजी) |
सिकंदराबाद | 1557 | 1508 | 3562 |
विजयवाडा | 1065 | 1004 | 2794
|
गुंतकल | 1449 | 1436 | 3024 |
गुंटूर | 678 | 678 | 1118 |
हैदराबाद | 737 | 572 | 840 |
नांदेड | 986 | 603 | 705 |
कुल | 6471 | 5802 | 12042 |
राज्य State | रूट किमी | बीजी रूट किमी | एमजी रूट किमी | कुल रूट किमी |
विद्युतीकृत | गैर- विद्युतीकृत |
बीजी | बीजी | एमजी |
आंध्र प्रदेश* | 2930.229 | 63.998 | 0 | 2994.227 | -- | 2994.227 |
तेलंगाना * | 1838.115 | 127.143 | 0 | 1965.258 | -- | 1965.258 |
महाराष्ट्र | 737.938 | 304.817 | 59.940 | 1042.755 | 59.940 | 1102.695 |
कर्नाटक | 288.669 | 98.50 | 0 | 387.169 | -- | 387.169 |
मध्य प्रदेश | 0 | 0 | 70.18 | -- | 70.18 | 70.18 |
तमिलनाडु | 6.86 | 0 | 0 | 6.86 | -- | 6.86 |
कुल | 5801.811 | 594.458 | 130.12 | 6396.269 | 130.120 | 6526.389 |
*सिकंदराबाद मंडल में तेलंगाना (भद्राचलम-भुवन्नापालेम-सत्तुपल्ली सेक्शन) में 51.799 रूट किमी जोड़े गए और विद्युतीकृत बीजी रूट में आंध्र प्रदेश(गुंतकल मंडल की गुत्ती बाईपास लाइन) में 3.172 रूट किमीजोड़े गए
दक्षिण मध्य रेलवे पर विद्युतीकृत सेक्शन
विजयवाड़ा - विशाखपट्टणम
विजयवाड़ा-भीमावरम टाउन-निडदवोलू
गुडिवाड़ा - मचिलीपट्टणम
भीमावरम टाउन-नरसापुर
सामलकोट - काकिनाडा
ओबुलवारिपल्ली - कृष्णापट्टणम पोर्ट
विजयवाड़ा - काजीपेट - बल्लारशाह
डोर्नकल-कारेपल्ली-सिंगरेनी कॉलरीज-भद्राचलम-मनुगुरु
पेद्दपल्ली - लिंगमपल्ली जगित्याल - मोर्थड-निजामाबाद
काजीपेट - सिकंदराबाद - हैदराबाद - सनतनगर - विकाराबाद - वाडी
विकाराबाद - परली वैजनाथ
मानिकगढ़ - गढ़चंदूर
मोटुमारी-जग्गयपेट-मेल्लाचेरुवु-जनपहाड़-विष्णुपुरम
गुडूर-रेणिगुंटा-तिरुपति-पाकाला-काटपाडी
रेणिगुंटा - गुत्ती - गुंतकल - वाडी
गुत्ती-धर्मवरम
गुत्ती - पेंडेकल्लू
गुंतकल - कल्लूरु
गुंतकल - बेल्लारी
धर्मवरम - पाकला
नांद्याल-येरगुंटला
कृष्णा केनाव - गुंटूर - नल्लपाडु - डोन - गुंतकल
गुंटूर - तेनाली - रेपल्ले
नल्लपाडु - नाडिकुडि - पगिडिपल्ली
नडिकुडि - माचेर्ला
सनतनगर - लिंगमपल्ली मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट के अंतर्गत
तेलापुर-रामचंद्रपुरा मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट के अंतर्गत
घटकेसर - मौला अली मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट के अंतर्गत तीसरी और चौथी लाइन
सिकंदराबाद-उमदानगर मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट के अंतर्गत
सिकंदराबाद - मलकाजगिरी - मेडचल मल्टी मॉडल परिवहन के अंतर्गत
मेडचल-मनोहराबाद-निजामाबाद-बासर
जनकमपेट-बोधन
उम्दानगर-डोन
गदवाल - रायचूर
अकोला-पूर्णा
पिम्पलकुट्टी-मुदखेड
परली वैजनाथ-परभणी
अंकाई-औरंगाबाद-दीनागांव
दक्षिण मध्य रेलवे पर चल रहे विद्युतीकरण कार्य .
- बीदर-गुलबर्गा
- देवरकद्रा-कृष्ण
- कडपा-पेंडिलिमर्री
- अक्कनापेट-मेदक
- मनोहराबाद-गजवेल
- अकोला-अकोट
- कोटिपल्ली-मनोहराबाद
- काकिनाडा-कोटिपल्ली
- नरसापुर- कोटिपल्ली
विद्युत कर्षण वितरण कार्य प्रणाली
राज्य ग्रिड से 220/132 केवी पावर सप्लाई2 फेज पर प्राप्त की जाती है और कर्षण सब-स्टेशनों पर 25 केवी, सिंगल फेज तक कम की जाती है. इस 25 केवी सिंगल फेज सप्लाई को ओवर हेड कंडक्टर सिस्टम में फीड किया जाता है, जिसमें फ्लेक्सिबल ड्रॉपर द्वारा कैटेनरी से लटकती ग्रूव्ड कॉन्टैक्ट वायर होता है. इंजन के पेंटोग्राफ पैन और कान्टेक्ट वायर के निचले स्तह के बीच निरंतर स्लाइडिंग कान्टेक्ट होता है.इंजन में पेंटोग्राफ जब उठाया जाता है तो कान्टेक्ट वायर पर 7.0 किग्रा/सेमी² दबाव डालता है जो इंजन को ओवर हेड कंडक्टर से करंट का निरंतर और सुचारू प्रवाह सुनिश्चित करता है. 25 केवी सप्लाई को फिर स्टेप डाउन किया जाता है और रेक्टिफाय करते हुए कर्षण मोटर्स में भेजा जाता है. रिटर्न करंट इंजन के पहियों के माध्यम से पटरी की ओर तथा पटरी से कर्षण ट्रांसफॉर्मर के अर्थेड टर्मिनल तक प्रवाहित होता है और इस प्रकार सिंगल फेज इलेक्ट्रिक सर्किट पूरा हो जाता है. जैसे-जैसे पटरियों को अर्थ किया जाता है, यह सुनिश्चित किया जाता है कि रिटर्न करंट का पोटेन्शल अर्थ पोटेन्शल से अधिक न हो. इससे यह सुनिश्चित होता है कि विद्युतीकृत रेलपथ के संपर्क में आने वाले लोगों के लिए कोई विद्युत जोखिम नहीं है. इंजन की गति में भिन्नता कर्षण मोटर्स में इनपुट वोल्टेज परिवर्तन द्वारा हासिल की जाती है.
तकनीकी सुधार

एससीएडीए की प्रमुख विशेषताएं
