ईएमडी लोको के लिए डीसी लिंक मोटर टेस्ट किट
लोकोमोटिव पर फिट होने से पहले डीसीएल मोटर और स्विच गियर यूनिट का परीक्षण.
पहले डीसी लिंक मोटर और स्विच गियर का हाथों से परीक्षण किया गया था जिसमें 6 घंटे से अधिक समय लग रहा था. डीजल शेड/गुत्तीने एक टेस्ट किट विकसित की है जिसमें DCLDCL मोटर और स्विच गियर का दो घंटों में परीक्षण किया जा सकता है. इससे कार्य घंटे की बचत के साथ विश्वसनीयता में सुधार होगी चूंकि यह इंटरलॉक के बार-बार कनेक्शन से बचा जाता है.

कंप्यूटर नियंत्रित ब्रेक (सीसीबी) 1.5 और 2.0 पैनल टेस्ट बेंच
डीजल लोको शेड, गुत्ती में 159 एचएचपी लोको हैं जिसमें सीसीबी-1.5 युक्त 117 लोको और सीसीबी 2.0 वर्शन के 47 लोको हैं. डीजल लोको शेड, गुत्ती ने ओवरहालिंग के बाद वाल्वों का परीक्षण करने हेतु दोनों वर्शनों के लिए दो टेस्ट पैनल और किसी भी समस्या की पहचान करने के लिए कार्ड विकसित किए. सीसीबी के दोनों पैनलों का विकास भारतीय रेल पर अनोखा है.
3-फेज विद्युत लोकोमोटिव गति रिकॉर्डर एवं इंडिकेटर यूनिट के लिए टेस्ट स्टैंड
डीजल लोको शेड, गुत्ती में 20 WAG9H लोकोमोटिव हैं. प्रत्येक लोकोमोटिव में माइक्रोप्रोसेसर आधारित गति रिकॉर्डर एवं इंडिकेटर यूनिट लगा होता है, जिसका उपयोग गति को सूचित करने और समय पर इंजनों की गति और दूरी को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है.
डीजल लोको शेड, गुत्ती ने गति रिकॉर्डर एवं इंडिकेटर यूनिट के परीक्षण के लिए एक परीक्षण स्टैंड विकसित किया. परीक्षण स्टैंड में एक मोटर होता है जिसमें 0 से 500 तक के लिए आरपीएम में बदलाव हो सकता है. आरपीएम को मापने के लिए एक पल्स जेनरेटर की व्यवस्था है जो विद्युत सिग्नल में परिवर्तित हो जाएगा. पीजी से आनेवाले आउटपुट पल्स की आवृत्ति आरपीएम पर निर्भर करती है. परीक्षण प्रक्रिया निश्चित आरपीएम और निरंतर पहिया व्यास देने द्वारा गति रिकॉर्डर एवं इंडिकेटर यूनिट में गति का निरीक्षण करना है.
परीक्षण बेंच में रिले इंटरलॉक की जांच भी करने की व्यवस्था है जो गति के 105% और अधिकतम गति के 110% तक पहुंचने पर सक्रिय हो जाता है. एलईडी का उपयोग करके इंटरलॉक स्थिति की निगरानी की जाती है जो गति रिकॉर्डर के अंदर रिले के काम को सुनिश्चित करेगा.