विद्युत लोको शेड / काजीपेट
दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल पर काजीपेट विद्युत लोको शेड स्थित है, जहां भारतीय रेलों के डब्ल्यू ए जी सेवन इंजनों का अनुरक्षण किया जाता है.
विद्युत लोको शेड/ काजीपेट का उद्घाटन नवंबर 2004 में हुआ था तब से यह मालगाड़ी की सेवाओं को जारी करने में लगा हुआ है. अब इस शेड में इंजनों की धारण क्षमता 113 तक हो गया है. इस क्षमता को 175 तक बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है ताकि भविष्य में माल यातायात की सेवाओं की पूर्ति की जा सके. इस प्रस्ताव को 11वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल कर दिया गया है.
विद्युत लोको शेड रेलवे की हल्की तथा भारी अनुसूची गतिविधियों तथा आई ए, आईबी, आईसी, वार्षिक तथा मध्य वर्गीय ओवरहॉलिंग के जरिए विद्युत इंजनों का रख-रखाव करता है.
विद्युत लोको शेड/ काजीपेट रेलवे बोर्ड और क्षेत्रीय रेलवे द्वारा निर्धारित बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में अग्रणी रहा है. वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान 87.48 इंजनों के लक्ष्य की तुलना में इस शेड ने 102.37 इंजनों का आउटेज की उपलब्धि प्राप्त की है और चालू वर्ष के दौरान अब तक 91.53 इंजनों के लक्ष्य की तुलना में 15% अधिक आउटेज प्राप्त कर लिया गया है. विद्युत लोको शेड/ काजीपेट अनुसंधान व अभिकल्प मानक संगठन (आरडीएसो) ,लखनऊ द्वारा जारी बड़े अधिसूचनाओं को कार्यान्वित करने में सक्षम है. इस प्रकार से विद्युत इंजनों की संख्या तथा विश्वसनीयता मे सुधार लाया गया है.
इस शेड में मानव संसाधन का लक्ष्य प्रति इंजन 5.5 के मानदंड की तुलना में केवल 2.67 प्रति इंजन श्रमशक्ति उपलब्ध है जो बहुत ही कम है. कर्रचारियों को विद्युत चल स्टॉक अनुरक्षण से संबंधित उच्च कुशल कार्य करने हेतु प्रशिक्षित किया गया है. यह एक अनोखा लोको शेड है जिसने विद्युत अनुरक्षण, हाऊज कीपिंग, सफाई, बागवानी, सुरक्षा, इंजनों की पेंटिंग जैसा नॉन कोर कार्यों के साथ आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित कुछ कोर कार्यों को भी बाहरी स्रोतों को सौंपा है.
हमारा मानव संसाधन तकनीकी क्षेत्र में प्रवीण है और उससे हमें अनुरक्षण कार्य विधि के दौरान खराबियों का पता लगाने में सहयता मिलती है तथा परिणामस्वरूप चलती गाड़ियों में होने वाले खराबियों को कम किया गया है. यह विद्युत लोको शेड आधुनिक उपस्करों द्वारा आधुनिक तकनीकी प्रक्रिया अपनाते हुए इंजनों का परीक्षण करता है तथा परिचालन के दौरान इंजनों की विश्वसनीयता तथा संरक्षा में सुधार लाने के लिए इंजनों में अद्यतन आधुनिक उपस्करों को जोड़ा जा रहा है.
परिचालन में बेहतर विश्वसनीयता तथा ऑन लाइन खराबियों को दूर करने हेतु अधिक भार वाले लदानों के ढुलाई के लिए यातायात में बहुल यूनिटों का उपयोग किया जा रहा है.
इंजनों के प्रचालन में बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस लोको शेड में रसायन व धातुकर्मी प्रयोगशाला उपलब्ध है जो अल्ट्रासोनिक परीक्षण, डिसाल्वड गैस विश्लेषण, डाई पेनट्रंट परीक्षण करता है जिससे इंजन पुर्जों का सतह और उपसतह में दरारों का पता चलता है.
समय पर तथा किफायती दर पर सामग्री संसाधन सुनिश्चित कराने के लिए विद्युत लोको शेड/ काजीपेट के वस्तु सूची में 535 स्टॉक मदें हैं जिसका वार्षिक औसत खपत मूल्य 8.5 करोड़ रु हैं जिनका प्रबंधन सहायक सामग्री प्रबंधक द्वारा किया जाता है.
भारतीय रेलों पर विद्युत इंजन बेतार बहु यूनिट प्रणाली जो आरडीएसओ द्वारा निर्धारित है, का कार्य चल रहा है और भारतीय रेलों पर इस तरह का विकास कार्य पहली बार विद्युत लोको शेड/ काजीपेट में हो रहा है.
विद्युत लोको शेड/ काजीपेट में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करहरियाली लाई गई जो विद्युत इंजनों द्वारा विसर्जित मिट्टी गेट, ग्रीन हाऊजों को कम कर वातावरण को स्वच्छ बनाने की प्रतिबंधिता दर्शायी है.