-गति की सीमा को 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाया गया है
-इस उपलब्धि हासिल करने के लिए व्यापक डीप स्क्रीनिंग और रेलपथ नवीनीकरण कार्य किए गए.
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दक्षिण मध्य रेलवे अत्यधिक संरक्षा सुनिश्चित करने तथा जहां कही संभव हो, अधिकतम अनुमेय गति बढ़ाने के लिए रेलपथ अनुरक्षण कार्य और रेल अवसंरचना को सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दे रही है. इस दिशा में जोन द्वारा गोदावरी-कोव्वूर स्टेशनों के बीच स्थित गोदावरी आर्च पुल पर अधिकतम अनुमेय गति को बढ़ाकर 50 किमी प्रति घंटे करने का एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. वर्ष 2015 से गति सीमा 30 किमी प्रति घंटे तक थी और अप्रैल 2022 के दौरान गति 40 किमी प्रति घंटे तक बढ़ा दी गई और अब गति सीमा को 50 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाते हुए सफलतापूर्वक गति परीक्षण किया गया. इस विशाखपट्टणम की ओर चलने वाली गाड़ियों को इस 2.9 किलोमीटर लंबे पुल पर चलाया जा रहा है.
गोदावरी - कोव्वूर के बीच स्थित 5 किलोमीटर की दूरी का यह हिस्सा गुडूर - दुव्वाडा सेक्शन के गोल्डन डायागनल (ग्रैंड ट्रंक) मार्ग पर स्थित है, जो विशेष रूप से देश के दक्षिणी राज्यों से पूर्वी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लिए प्रवेश द्वार का कार्य करता है. गोदावरी नदी परनिर्मित यह 2.9 किलोमीटर लंबा आर्च पुल अत्यंत महत्वपूर्ण है. यात्री और मालगाड़ियां अपनी पूरी क्षमता के साथ इस पर चलाई जाती हैं और इसलिए यह सेक्शन अतिसंतृप्त है. महत्वपूर्ण गोदावरी नदी पर इस पुल के स्थान को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2015 से 30 किमी प्रति घंटे का गति प्रतिबंध लगाया गया था.
तब से, पुल पर अनुमत अधिकतम गति 30 किमी प्रति घंटा थी. तथापि, हाल ही में जोन ने काम करने की कठिन परिस्थितियों के बावजूद कठोर प्रयासों से स्लीपरों को बदलने के साथ-साथ बलास्ट क्लीनिंग मशीनों (बीसीएम) से डीप स्क्रीनिंग का चुनौतीपूर्ण कार्य शुरू किया और पूरा किया. परिणामस्वरूप अप्रैल 2022 में अधिकतम गति सीमा को 40 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया गया. अब गति परीक्षणों के बाद, यात्री गाड़ियों और लदान से भरे माल गाड़ियों की अनुमत अधिकतम गति को बढ़ाकर 50 किमी प्रति घंटे कर दिया गया है और गाड़ियां सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं.
श्री अरुण कुमार जैन, प्रभारी महाप्रबंधक, दमरे ने समर्पित प्रयासो से इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए इंजीनियरी टीम की विशेष रूप से सराहना की है. उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण पुल पर गति बढ़ाने से गाड़ी परिचालनों की व्यस्तता कम होगी और गाडी सेवाओं के सुचारू परिचालन में भी मदद मिलेगी. इससे रेल उपयोकर्ताओं के लिए आरामदायक यात्रा अनुभव के साथ-साथ गाडी सेवाओं के समयपालन में भी सुधार होगा.