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इसमें सिकंदराबाद मंडल के सिकंदराबाद - काजीपेट - बल्हारशाह, काजीपेट - कोंडापल्ली, विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली - विजयवाड़ा - गूडूर, गुंतकल मंडल के रेणिगुंटा - गुंतकल – वाडी सेक्शन शामिल हैं.
दक्षिण मध्य रेलवे जोन नेसिकंदराबाद, विजयवाड़ा और गुंतकल मंडलों के अधिकांशसेक्शनों मेंरेल सेवाओं की अधिकतम अनुमेय गति को 130 किमीप्रघं तक बढ़ाकरएक और उपलब्धि प्राप्त की है. इसजोनद्वाराइस उपलब्धि को तीव्रता से इन सेक्शनों में बाधाओं को दूर करके सिकंदराबाद, विजयवाड़ा और गुंतकल मंडलों के अधिकांशसेक्शनों में रेलपथ और इसके बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए व्यवस्थित और नियोजित ढंगसे हासिलकिया गयाहै. वर्ष 2020 में आरडीएसओ/लखनऊ द्वारा दी गई स्वीकृति के बाद इसअवसंरचना के विकास कार्यों, अनुरक्षण कार्यों और सिगनल संबंधीकार्यों को निरंतर किया गया. इन सेक्शनों में व्यापक उन्नयन कार्य पूरा होने के बाद,12 सितंबर, 2022 से अप और डाउन दोनों लाइनों पर गाड़ियों की गति 110 किमीप्रघं से बढाकर 130 किमीप्रघंकरने की अनुमतिदी गई है.
इस गति संबंधीसंकल्पनाके अंतर्गत शामिल सेक्शन हैं -सिकंदराबाद मंडल के सिकंदराबाद - काजीपेट - बल्हारशाह, काजीपेट - कोंडापल्ली सेक्शन, विजयवाड़ा मंडलके कोंडापल्ली - विजयवाड़ा – गूडूर सेक्शन, गुंतकल मंडल के रेणिगुंटा - गुंतकल – वाडी सेक्शन. इन सेक्शनों में,दक्षिण मध्य रेलवे केस्वर्ण विकर्ण मार्ग के विजयवाड़ा-दुव्वाडा के बीच के सेक्शन को छोड़कर, जिसमें बढ़ी हुई गति के कार्यान्वयन के लिए तीव्रता से कार्य प्रगति पर हैं,पूर्ण उच्च क्षमता वाले मार्ग, स्वर्ण चतुर्भुज और स्वर्ण विकर्ण मार्गशामिल है.
इन सेक्शनों में अधिकतम अनुमेय गति में वृद्धि का परिणाम यात्री-वाहक गाडियों के साथ-साथ माल गाड़ियों की औसत गति में सुधार हो सकता है. इससे गाड़ियों के समयपालन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.विशेष रूप से, अधिकतम अनुमेय गति में वृद्धि से इनमहत्वपूर्ण और संवेदनशीलसेक्शनों की क्षमता में वृद्धि होगी.
श्री अरुण कुमार जैन, महाप्रबंधक(प्रभारी), दमरे ने दक्षिण मध्य रेलवेके सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को सेक्शन में गाड़ियों की गति को 130 किमी प्रघं तक बढ़ाने से संबंधितसभी कार्यों को पूरा करने के अथक प्रयासों के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि सेक्शन संबंधी गति में वृद्धि से यात्री गाड़ियों के चालन समय को काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है और गाड़ी सेवाओं के सुचारू परिचालन का मार्ग प्रशस्त होता है.