पुराने अस्पताल भवन का इतिहास
Øवर्ष 1908 में मंडल मुख्यालय रेलवे अस्पाताल , गुंतकल एमएसआर रेलवे के अंतर्गत 6 बिस्तरों की क्षमता से दो डाक्टर, एक कांपौंडर और एक चपरासी के साथ आरंभ किया गया
Ø1942 में बिस्तरों की संख्या 22 हुई
Øतत्पश्चात 1949 में 28हुई.
Øवर्ष 1951 में, इस अस्पताल दक्षिण रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत कार्य करना आरंभ किया.
Øवर्ष 1957 में,वर्तमान टीबी वार्ड और मेट्रन कार्यलय में 52 बिस्तरों की क्षमता में बढाई गई
Ø02 अक्तूबर 1959 गांधी जयंती के दिन, नए अस्पताल भवन के लिए डॉ. पी.ए .मेनन , तत्कालीन मुचिधि/ दक्षिण रेलवे द्वारा नींव पत्थर रखा गया था.
Ø20 जून 1962 से श्री एच.डी. सिंह, तत्कालीन महाप्रबंधक/द.रेलवे के द्वारा 75 बिस्तरों की क्षमता सहित यह अस्पताल आरंभ हुई.
Ø17 जुलाई 1966 को , डॉ. पी.ए .मेनन , तत्कालीन मुचिधि/ दक्षिण रेलवे द्वारा नवजात, चिकित्सा और महिला श्ल्य चिकित्सा वार्ड के विस्तार के साथ 105 बिस्तरों की क्षमता में बढाकर उद्घटित किया गया.
Øवर्ष 1977, में गुंतकल नंडल दक्षिम मध्य रेलवे के नियंत्रणाधीन में आया.
Øवर्ष 1981 में कर्मचारियों की वर्तमान संख्या के साथ 131 विस्तर क्षमता तक बढा दिया गया था. 25 अगस्त 1994 को नए ओपीडी भवन का उद्घाटन किया गया.
Ø20 जून 1962 को श्री एच.डी सिंह , तत्कालीन महाप्रबंधक/द.रेलवेद्वारा 75 बिस्तरों की क्षमता के साथ इस अस्पताल काम करना आरंभ किया.
Ø17 जुलाई 1966 को , डॉ. पी.ए .मेनन , तत्कालीन मुचिधि/ दक्षिण रेलवे द्वारा नवजात, चिकित्सा और महिला श्ल्य चिकित्सा वार्ड के विस्तार के साथ 105 बिस्तरों की क्षमता में बढाकर उद्घटित किया गया..
Øवर्ष 1977, में गुंतकल नंडल दक्षिम मध्य रेलवे के नियंत्रणाधीन में आया.
Øवर्ष 1981 में कर्मचारियों की वर्तमान संख्या के साथ 131 विस्तर क्षमता तक बढा दिया गया था. 25 अगस्त 1994 को नए ओपीडी भवन का उद्घाटन किया गया. फिलहाल 101 बिस्तरों की क्षमता है.