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भरतेश कुमार जैन, मंडल रेल प्रबंधक


श्री भरतेश कुमार जैन ने 21 जुलाई, 2023 को संचालन भवन सिकंदराबाद में दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया.


आप भारतीय रेलवे इंजीनियरी सेवा (आईआरएसई) के 1992 बैच के हैं. आपने इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (आईआईटी), रुड़की से सिविल इंजीनियरी में डिग्री तथा आईआईटी/दिल्ली से स्नातकोत्तर डिग्री (एम.टेक/सॉईल मैक.) प्राप्त की है.


वर्तमान कार्यभार से पहले, श्री भरतेश कुमार जैन, दक्षिण पूर्व रेलवे में मुख्य इंजीनियर (सामान्य) के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने अपनी सेवा के दौरान विभिन्न पदों पर कार्य किया है. उन्होंने इससे पहले, दक्षिण पूर्व रेलवे, कोलकाता में महाप्रबंधक के सचिव के रूप में कार्य किया है. उन्होंने निर्माण विभाग में मुख्य इंजीनियर और उप मुख्य इंजीनियर जैसे विभिन्न पदों पर दस वर्षों तक काम किया है और लगभग 167 किलोमीटर के दोहरीकरण और गेज परिवर्तन की चार प्रमुख परियोजनाओं को पूरा किया तथा शालीमार और संत्रागच्छी स्टेशनों पर विश्व स्तरीय स्टेशनों की स्थापना के लिए कार्य भी निष्पादित किये.


इसके अतिरिक्त माल ढुलाई रेक हैंडलिंग के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ छः लोडिंग लाइनों के साथ संकरेल माल टर्मिनल का निर्माण शुरु किया गया था. उनके कार्यकाल के दौरान खड़गपुर कारखाना में तीन प्रमुख शेडों और हल्दिया सिक लाइन की कमीशनिंग भी पूरी हुई. उन्होंने सहायक इंजीनियर/कटक, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/वाल्टेर और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/समन्वय/चक्रधरपुर के रूप में, जो उस समय में भारतीय रेलवे पर तीसरा सर्वाधिक लदान करनेवाला मंडल था, ओपन लाइन में चौदह वर्ष कार्य किया है. 

श्री बी.के.जैन को पढ़ने में गहरी रुचि है और वे बैडमिंटन, बिलियर्ड्स और गोल्फ भी खेलते हैं.





                                                                                                                  

              डी.सुब्रह्मण्यम, अमंरेप्र (अवसंरचना)                                                                         बी.रविचंदर, अमंरेप्र(सामान्य)

  

 



                                                               

पी.बी.एस.राथीर , अमंरेप्र (परिचालन)

सिकंदराबाद मंडल का गठन बड़ी लाइन तथा मीटर लाइन प्रणाली सहित 2 अक्तूबर 1966 को हुआ. बाद में 17 नवंबर 1977 को मीटर लाइन वाले हिस्से को हैदराबाद मंडल के रूप में विभाजित किया गया. सिकंदराबाद मंडल तीन राज्यों अर्थात आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की सेवा करता है. इसमें 1311.06 मार्ग किलोमीटर हैं जिनमें से 1006.42 कि.मी आंध्र प्रदेश में, 179.37 कि.मी महाराष्ट्र में तथा 125.27 कि.मी कर्नाटक में है. 1311.06 मार्ग कि.मी में से 825.33 कि.मी विद्युतीकृत है. इसमें कुल 150 स्टेशन हैं जिनमें से 118 स्टेशन आंध्र प्रदेश,22 स्टेशन महाराष्ट्र तथा 10 कर्नाटक में स्थित हैं.

सिकंदराबाद मंडल, दक्षिण मध्य रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण मंडल है और भारतीय रेल पर पांचवा प्रमुख मंडल है. वर्तमान सिकंदराबाद मंडल का मूल निज़ाम राज्य रेलवे से है जो 1869 में स्थापित किया गया था. वाड़ी-सिकंदराबाद लाइन का निर्माण निज़ाम की वित्त सहायता से किया गया जो निज़ाम गारंटीड राज्य रेलवे का हिस्सा बन गया. 1886 में उसका विस्तार वरंगल तक किया गया.

मंडल ने वर्ष 2010-11 के दौरान 62 मिलियन टन मालभाड़ा तथा 113 मिलियन यात्रियों का वहन किया.यूं कहें तो मूल लदान में मंडल का योगदान 64% रहा. वर्ष 2010-11 के दौरान मंडल का सकल अर्जन 3653 करोड़ रहा. 22,178 कर्मचारियों का समर्पित कार्य बल और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र इन तीन राज्यों के 1311 मार्ग किलोमीटर का क्षेत्राधिकार तथा 3653 करोड़ के अर्जन से सिकंदराबाद मंडल की स्थिति न केवल दक्षिण मध्य रेलवे में बल्कि भारतीय रेलों पर भी महत्वूपर्ण साबित होती है.

चालू वर्ष में जून, 2012 (12-13) के अंत तक मंडल ने 32.14 मिलयन यात्री तथा 17.48 मिलियन टन माल का वहन किया, सकल अर्जन रु.1264.02 करोड़ रहा.

विशाल लक्ष्यों को निर्धारित करने और पूरे समर्पण के साथ उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मंडल ने कई नवीन प्रणालियों , तकनीकीअनुप्रयोगों , उत्कृष्ट प्रबंधन पद्धतियों तथा ग्राहकों/यात्रियों व रेल कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई योजनाओं को आरंभ किया.







Source : दक्षिण मध्‍य रेलवे CMS Team Last Reviewed : 26-07-2023  


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