कर्षण वितरण
कार्य-कलाप

| - कर्षण पावर सप्लाई संस्थापनों का अनुरक्षण.
- कर्षण उपरी शीर्ष उपस्कर का अनुरक्षण.
- पर्यवेक्षी रिमोट कंट्रोल प्रणाली.
- इस सेक्शन से संबंधित निर्माण गतिविधियां.
- विद्युत कर्षण में ऊर्जा संरक्षण की मानिटरी.
- रेल विद्युतीकरण कार्य की निगरानी
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दक्षिण मध्य रेलवे पर विद्युतीकरण कार्य की प्रगति
वर्ष 1980 में विजयवाडा-गूडूर सेक्शन के विद्युतीकरण कार्य से द.म.रे. पर विद्युतीकरण कार्य की शुरूआत हुई I जुलाई 2016 के अंत तक, इस रेलवे के सिकंदराबाद, हैदराबाद, विजयवाडा, गुंटूर और गुंतकल इन पांच मंडलों पर कुल 2,479 मार्ग कि.मी. और 6,140 रेलपथ कि.मी. पर विद्युतीकरण कार्य पूरा हो गया है I द.म.रे. के कुल 5,746 (×ðó.¸ðó) मार्ग किलोमीटर में से, 2,479 मार्ग किलोमीटर अर्थात् कुल मार्ग में से 43% मार्ग किलोमीटर का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया है I
विद्युतीकृत सेक्शन :
- विजयवाडा - गूडूर
- विजयवाडा – गुंटूर - नल्लपाडु
- विजयवाडा – काजीपेट - बल्हारशाह
- विशाखापट्टणम - विजयवाडा
- गूडूर – रेणिगुंटा – तिरुपति – पाकाला - काटपाडी
- रेणिगुंटा - कड़पा - गुंतकल
- गुत्ती - धर्मवरम
- काजीपेट – सिकंदराबाद – हैदराबाद – सनतनगर - वाडी
- गुंटूर - तेनाली
- सामलकोट - काकिनाडा
- मोटमारी – जग्गय्यापेट - मेल्लचेरुवु
- डोर्नकल - कारेपल्ली -सिंगरेनी कॉलरीज -भद्राचलम - मणुगूरु
- मानिकगढ़ - गडचंदूर
- सनतनगर - लिंगमपल्ली नगरद्वय के मल्टी मॉडल परिवहन
- सिकंदराबाद - फलकनुमाप्रणाली के अंतर्गत
प्रगति के तहत विद्युतीकरण :
- गुंतकल - वाडी
- नल्लपाडु – गुंतकल
- एमएमटीएस चरण – II
- विजयवाड़ा - मछलीपट्टनम, गुडिवाडा-भीमावरम और नरसापुर - निदादावोले
- गुंतकल - बेल्लारी
- गुंटूर – तेनाली (दोहरीकरण)
विद्युतीकृत मंडल
मंडल | कुल विद्युतीकृत मार्ग कि.मी. | कुल विद्युतीकृत रेलपथ कि.मी. |
सिकंदराबाद | 1065 | 2576 |
विजयवाडा | 701 | 1941 |
गुंतकल | 631 | 1427 |
गुंटूर | 57 | 142 |
हैदराबाद | 25 | 54 |
कुल : | 2479 | 6140 |
विद्युत कर्षण की कार्य-प्रणाली :
राज्य ग्रिड से 220/132 केवी, 2 फेज़ विद्युत सप्लाई प्राप्त होती है और कर्षण उप-स्टेशन में इस आपूर्ति को 25 केवी, इकहरे चरण तक घटा दिया जाता है I इस 25 केवी इकहरे चरण सप्लाई को फ्लैक्सीबल ड्रापर्स द्वारा, कैटेनरी वायर से सस्पेंड किए हुए ग्रूड कांटैक्ट वायर वाला ऊपरी शीर्ष कंडक्टर प्रणाली में फीड किया जाता है I इंजन के पैंटोग्राफ पैन और कांटेक्ट वायर की तलहटी में निरंतर स्लाइडिंग कांटेक्ट होता रहता है I इंजन के पैंटाग्राफ को जब ऊपर ऊठाया जाता है तब कांटेक्ट वायर में 7.0 कि.ग्रा./सें.मी.2का दाब लगता है जिससे इंजन के ऊपरी शीर्ष कंडक्टर से करंट की निरंतर और सुगम प्राप्ति सुनिश्चित की जा सकती है I 25 केवी सप्लाई को और घटा दिया गया है और उसमें संशोधन किया गया तथा उसे कर्षण मोटर में फीड किया गया I वापसी करंट प्रवाह इंजन के पहिये से होते हुए पटरियों तक जाता है और पटरियों से कर्षण ट्रांसफार्मर के अर्थेड टर्मिनल तक जाता है इससे इकहरा चरण विद्युत सर्किट पूरा हो जाता है I चूंकि पटरी की अर्थिंग है, अतः यह सुनिश्चित किया जाता है कि रिटर्न करंट की क्षमता, अर्थिंग क्षमता से अधिक न हो I इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि विद्युतीकृत रेलपथ के संपर्क में आने वाली जनता को कोई विद्युत संबंधी खतरा न हो I कर्षण मोटर की इनपुट वोल्टता को कम-ज्यादा कर इंजन की गति को कम-ज्यादा किया जा सकता है I
तकनीकी सुधार

| · नए विद्युतीकृत स्टेशनों के कर्षण उप स्टेशनों (टी एस एस) में, 21.6/30.24 एमवीए पावर ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराए गए है I इन ट्रांसफार्मरों की क्षमता को, फोर्स एयर सर्कुलेशन फैन को स्विच आन कर, 21.6 एमवीए से 30.24 एमवीए तक बढ़ाया जा सकता है I · टीएसएस के स्विच गियर, अत्याधुनिक एसएफ 6 वाक्युम प्रकार के है.इन स्विच गियरों, जो अब तक प्रयुक्त किए जा रहे थे, का अनुरक्षण, आइल स्विच गियरों की तुलना में काफी कम होता है I |
- कर्षण उप स्टेशनों में दूरस्थ सुरक्षा रिले के संशोधित रिले का प्रावधान किया गया है ताकि नकली सर्किट ब्रेकर ट्रिप्पिंगों से बचा जा सके और इसके परिणामस्वरूप होनेवाली ओएचई पावर सप्लाई को बाधित होने से रोका जा सका I
- ऊपरी पैदल पुल/ ऊपरी सड़क पुल के नीचे इंस्युलेटेड कापर कैडमियम कैटेनरी वायर की व्यवस्था, ताकि पक्षियों / बंदरों के उत्पात से ओ एच ई में विद्युत सप्लाई बाधित न हो I
- ओएचई में पीटीएफई प्रकार के शार्ट न्यूट्रल सेक्शन की व्यवस्था ताकि ढलान वाले सेक्शनों में मालगाडि़यों को न रुकना पड़े I
- बड़े यार्डों में, हाथ से चलाए जानेवाले आइसोलेटरों को, अब मोटर से चलाया जा रहा है ताकि ओ एच ई के खराब सेक्शन को तुरंत अलग किया जा सके और खराबी/ असामान्य घटनाओं के दौरान मेन लाइन में गाड़ियों की रुकौनी को कम किया जा सके I.
- कर्षण उप स्टेशन/स्विचिंग स्टेशनों के ओ एच ई जंपरों, बसबार आदि के कनेक्टरों से जुडे हुए गर्म स्थलों का पता लगाने और खराबी से पहले पूरा ध्यान दिए जाने के लिए कांटेक्टलेस रिमोट सेन्सिंग डिवाइस का उपयोग किया जाता है I
- प्रदूषित क्षेत्रों में स्थित, ओएचई के लिए लंबे क्रीपेज इंस्युलेटरों की व्यवस्था करना ताकि इससे इंस्युलेटरों को खराब होने से बचाया जा सके I
- जहां शरारती तत्वों/चरवाहों द्वारा पत्थर फेंकने के मामले संभावित हो, वहां ओएचई पर हाईब्रीड इंस्युलेटरों की व्यवस्था करना I
- सभी फीडर सर्किट ब्रेकरों में उच्च गति आटो रिक्लोजर की व्यवस्था करना ताकि ओएचई में विद्युत सप्लाई के व्यवधान को कम से कम किया जा सके I
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रकार के रिले के स्थान पर न्यूमेरिकल रिले की व्यवस्था करना I |
एससीएडीए की विशेष प्रमुखताएं :

| - सिकंदराबाद, हैदराबाद, विजयवाडा, गुंटूर और गुंतकल में निम्नलिखित विशेषताओं से युक्त, पीसी आधारित कंप्यूटर रिमोट कंट्रोल सिस्टम संस्थापित की गयी है I
- रेलवे लाइनों के निकट के सभी उप-स्टेशनों और स्विचिंग स्टेशनों पर स्थित सर्किट ब्रेकरों, इंटरप्टर्स आदि के सभी संचालनों को, मंडल नियंत्रण कार्यालय के की-बोर्ड/माऊस द्वारा सामान्य कमांड देकर भी दूर से संचालित किया जा सकता है I
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- आपरेटर वर्क स्टेशन से लगे हुए वीडियो मानिटरों पर विभिन्न उपकरणों और वोल्टता और करंट की वैल्यू निरंतर दर्शायी और मानिटर की जाती है I
- ओ एच ई के खराब होने पर, एस सी ए डी ए प्रणाली द्वारा आटोमैटिक फाल्ट आइसोलेशन किया जाता है I
- टीपीसी और इवेंटों के सभी संचालन सिस्टम में अपने आप लॉग हो जाते हैं I
- सभी कर्षण मास्ट और संरचनाओं की ठीक से अर्थिंग की जाए ताकि पावर के किसी भी प्रकार रिसने से इलेक्ट्रिक शॉक की संभावना न रहें I अर्थिंग की गयी संरचनाओं से पर्याप्त दूरी रखी जाती है. सक्रिय ओएचई से दो मीटर की कार्यचालन दूरी रखी जाती है I
"जनता"के लिए विद्युतीकृत सेक्शनों में सुरक्षित ढ़ंग से यात्रा करने के संरक्षा नुस्खे :
- ऊपरी शीर्ष सक्रिय कंडक्टर्स के आस-पास ऊर्ध्वाकार लंबे खंबे/ या अन्य कोई वस्तु लेकर न चलें I
- न ही पटरी को छुए/न उस पर चलें I
- कोचों और वैगनों की छत पर यात्रा न करें इनके ऊपरी शीर्ष सक्रिय कंडक्टर घातक हो सकते हैं I
- आपकी सुरक्षा के लिए विद्युतीकृत स्टेशन यार्डों में अतिक्रमण सख्त रूप से प्रतिबंधित है I
- ऊपरी सड़क पुल/ऊपरी पैदल पुल से सक्रिय वायरों और कंडक्टरों की ओर किसी धातु की चीज/उसके भाग को न दर्शाएं I
- ऊपरी सड़क पुल/ऊपरी पैदल पुल से ऊपरी शीर्ष वायरों और कंडक्टरों पर पानी न फेंके I
- चलती हुई गाड़ी के कंपार्टमेंट में से न झांकें I
- समपार फाटकों से पार होनेवाले सड़क वाहनों के छत पर और उनके ऊपर बैठकर यात्रा न करें I
- हाई-गेज स्तर से ऊंचे परेषणों के साथ, समपार फाटक पार करने की कोशिश न करें I
- यह कभी न भूलें कि ऊपरी शीर्ष कर्षण वायर हमेशा सक्रिय और खतरनाक होते हैं I