| यांत्रिक विभागयांत्रिक विभाग डीजल लोकोमोटिव कोच और वैगन पहियों पर रेलवे की परिलब्धि के अनुरक्षण कार्य के लिए जिम्मेदार है. अनुरक्षण संबंधी यह कार्य डीजल लोको शेड़, कोचिंग डिपो और कारखानों में किया जाता है, जिसका उद्देश्य है :--पर्याप्त उपलब्धता- विश्वसनीयता-य़ात्रियों की सुख-सुविधाइसका सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य गाडी चालन में संरक्षा है. इसके अलावा यह विभाग आपदा प्रबंधन उपकणों (रेल की भाषा में दुर्घटना राहत गाडी जिसमें 140 टन डीजल हाइड्रालिक क्रेन और हाइड्रालिकरिरेलिंग उपकरण, सेल्फ प्रोपेल्ड राहत गाडी) का अनुरक्षण और संचालन भी करता है. रणनीतिक पाइंटों पर विशेषकर प्रशिक्षित त्वरित प्रत्युत्तर टीम के कामिर्क इन उपकरणों पर चौबीस घंटे सजग रूप से तैनात रहते हैं. द.म.रेलवे के कारखानों, लोको शेडों और मंड़लों के शुरूवाती वर्षों का विवरण सारणी में नीचे दिया गया है. कारखाना | वर्ष, जिसमें शुरू हुआ | लालागुडा कारखाना | 1893 | रायनपाडु कारखाना | 1976 | तिरूपति कारखाना | 1985 |
शेड़ | वर्ष, जिसमें शुरू हुआ | डीजल लोको शेड़/गुत्ती | 1963 | डीजल लोको शेड़/गुंतकल | 1964 | डीजल लोको शेड़/काजीपेट | 1973 | डीजल लोको शेड़/विजयवाडा | 1983 | डीजल लोको शेड़/मौलाली | 1984 |
मंड़ल | वर्ष, जिसमें शुरू हुआ | विजयवाडामंड़ल | 1956 | गुंतकल मंड़ल | 1956 | सिकंदराबाद मंड़ल | 1966 | हैदराबाद मंड़ल | 1977 | नांदेड़ मंड़ल | 2003 | गुंटूर मंड़ल | 2003 |
कारखाने :………………………… 
| दक्षिण मध्य रेलवे पर कोचिंग और माल स्टाक की आवधिक ओवरहालिंग (पीओएच)तीन कारखानों में की जाती है. |
कारखानों की गतिविधियों का विवरण : क्र.सं. | कारखाने का नाम | स्थान | कार्य | मासिक लक्ष्य | वाषिर्क लक्ष्य | 1 | सवारीडिब्बा मरम्मत कारखाना | लालागुडा | सवारी डिब्बों की आवधिक ओवरहालिंग (पीओएच) | 122 वाहन यूनिट | 1464 वा.यू. | 2 | सवारीडिब्बा मरम्मत कारखाना | तिरूपति | सवारी डिब्बों की आवधिक ओवरहालिंग | 85 वा.यू. | 1020 वा.यू. | 3 | माल डिब्बा मरम्मत कारखाना | गुंटुपल्ली | माल डिब्बों की आवधिक ओवरहालिंग | 360 वा.यू. | 4320 वा.यू. |
आरओएच डिपो:
माल डिपो: धारिता: 18794 ब.ला माल़डिब्बे, 301 मी.ला मालडिब्बे मालडिब्बा स्टाक के लिए तीन बेड़ और एक छोटा आरओएच डिपो है. ये डिपो रामगुंड़म, गुत्ती, विजयवाडा और बेल्लमपल्ली में स्थित है. कारखानों में आवधिक ओवरहालिंग पूरी होने के बाद, इन डिपो में बाक्स एन और बीसीएन मालडिब्बों की ओवरहालिंग 18 महीने के निर्धारित अंतराल (बीसीएन मालडिब्बों के लिए 24 महीने) पर की जाती है. बड़े नियमित ओवरहालिंग डिपो सहायक यांत्रिक इंजीनियर के पर्यवेक्षक में कार्य करते हैं. ये नियमित ओवरहालिंग डिपो, बेहतर गुणवत्ता मरम्मत सुनिशि्चत करते है ताकि चल स्टाक 7500 कि.मी. या 35 दिन, जो भी पहले हो, तक चल सके. कोचिंगअनुरक्षण डिपो : 
| कोचिंग धारिता : 3320 (ब.ला), 108 (मी.ला) दक्षिण मध्य रेलवे पर एक एकदम बड़े (मेगा)़ 4 बड़े. 4 मध्यम ओर 4 छोटे कोचिंग डिपो है, जिनमें 74 पैसेंजर ओर एक्सप्रेस गाड़ियों का अनुरक्षण किया जाता है. इन डिपो मेंएक्सप्रेस गाड़ियोंका प्राथमिक ओर गौण अनुरक्षण किया जाता है. पैसेंजर गाड़ियों में यात्री सुख-सुविधा, संरक्षा, असंक्रमणता ओर साफ सफाई पर खास ध्यान दिया जाता है. अनुरक्षण के अलावा, इन डिपो में एक्सप्रेस ओर सुपर फास्ट गाड़ियोंके कोचिंग स्टाककी ए, बी, सी अनुसूची ओर मध्यवर्ती ओवरहालिंग भी की जाती है़ जिससे 2 लाख कि.मी./वर्ष से अधिक का अर्जन हो रहा है. |
कोचिंग धारिता के साथ कोचिंग डिपो के स्थान का विवरण : क्र.सं. | डिपो | कोचिंग धारिता | वर्गीकरण | 1 | हैदराबाद | 543 | अत्यंत बड़ा (मेगा) | 2 | सिकंदराबाद | 481 | अत्यंत बड़ा | 3 | तिरूपति | 410 | अत्यंत बड़ा | 4 | काचीगुडा | 408 | अत्यंत बड़ा | 5 | विजयवाडा | 335 | अत्यंत बड़ा | 6 | नरसापुर | 224 | मध्यम | 7 | नांदेड | 217 | मध्यम | 8 | काकिनाडा | 190 | मध्यम | 9 | गुंटूर | 154 | मध्यम | 10 | पूर्णा | 119 | छोटा | 11 | काजीपेट | 92 | छोटा | 12 | गुंतकल | 67 | छोटा | 13 | मछलीपट्टणम | 25 | छोटा |
डीजल लोको शेड : 
| डीजल लोको शेड अग्रणी रणनीतिक व्यापार यूनिट है. डीजल लोकोमोटिव का निवारात्मक ओर सुधारात्मक अनुरक्षण करने के लिए इनमें सभी उपकरण उपलब्ध है और यहीं पर सभी सुविधाएं भी उपलब्ध है. दक्षिण मध्य रेलवे पर आंध्र प्रदेश में गुंतकल और गुत्ती (दोनों अनंतपुर जिले में) काजीपेट (वरंगल जिले में) मौलाली (हैदराबाद, रंगारेड्डी जिले में) और विजयवाडा (कृष्णा जिले में) डीजल लोको शेड स्थित है. पैसेंजर और माल दोनों के लिए इन शेड़ों की धारिता 451 लोकोमोटिव है. इसके अलावा, पैसेंजर और उपनगरीय सेवाओं विजयवाडा और मौलाली में क्रमशः 31 और 9 डेमू का अनुरक्षण किया जाता है. विजयवाडा मंडल के काकिवाडा – कोटिपल्ली सेक्शन के बीच यात्री सेवाओं के लिए चलायी जा रही 2 रेल बस का अनुरक्षण भी विजयवाडा डीजल शेड में किया जा रहा है. इन शेड़ों में कैपि्टव ईंधन भरने की सुविधा भी उपलब्ध है. |
लोकोमोटिव शेड का स्थान और उनकी धारिता क्र.सं. | कहां सि्थत है | लोकोधारिता | लोको का प्रकार | प्रकारवार संख्या | 1 | काजीपेट | 138 | डब्ल्यूडीएम 2 डब्ल्यूडीजी 3ए डब्ल्यूडीजी3ए | 45 23 70 | 2 | गुत्ती | 122 | डब्ल्यूडीएम3एडब्ल्यूडीजी3ए डब्ल्यूडीएम 3डी | 23 95 4 | 3 | गुंतकल | 108 | डब्ल्यूडीएम 2 वाईडीएम 4 डब्ल्यूडीएम 3ए डब्ल्यूडीएम 3डी | 64 14 18 12 | 4 | मौलाअली | 72 | डब्ल्यूडीएम2 डब्ल्यूडीएस 4 डीएचएमयू | 51 12 9 | 5 | विजयवाडा | 51 | डब्ल्यूडीपी 1 डब्ल्यूडीएस 4 डीईएमयू | 15 5 31 |

| मानव संसाधन संभवतः भारत की सबसे महत्वपूर्ण परिलब्धि है. इस परिलब्धि का प्रभावी उपयोग करना हर संगठन का दायित्व है. विशेषकर भारतीय रेल जैसे संगठन के लिए, जिसमें 16 लाख कर्मचारी कार्यरत है. मानव संसाधन की कुशलता को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण औजार है. दक्षिण मध्य रेलवे के यांत्रिक विभाग ने उनके पर्यवेक्षकों और दस्तकार कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आधुनिक पद्धतियां और सुविधाएं विकसित की है. |
इस रेलवे के सभी संवर्ग के रेल कर्मचारियों को न केवल सेवा में भर्ती होने के समय प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि उनके ज्ञान को अद्यतन करने और उन्हें तकनीक में होने वाले नित नए परिवर्तनों से अवगत कराने के लिए आवधिक पुनश्चर्या पाठ्यक्रम भी चलाएं जा रहे है. पर्यवेक्षी प्रशिक्षण केंद्र/लालागुडा यह केंद्र यांत्रिक विभाग के सभी पर्यवेक्षेकों को गाड़ियों के चालन और अनुरक्षण के तकनीकी, प्रबंधकीय, और संरक्षा पहलुओं में, विशेष रूप से प्रशिक्षण प्रदान करता है. यह संस्थान रेलवे बोर्ड द्वारा वार्षिक आधार पर निर्धारित मॉ़ड्युलों में विभिन्न पाठ्यक्रम आयोजित करता है तथा इसमें अप्रैल 2007 से फरवरी 2008 तक लगभग 1000 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया. नई अपग्रेड की गयी 4 नई प्रयोगशाला सुविधाओं के साथ, इस केंद्र ने एडवांस मेकाट्रानिक्स, एयर ब्रेक सिस्टम, दुर्धटना प्रबंधन,न्यूमाटिक्स और हाइड्रालिक्स. एडवांस वेल्डिंग टेक्नालॉजी, वेल्डिंग में इंडक्शन कोर्स, वेल्डिंग पुनश्चर्या पाठ्यक्रम, डाटाबेस प्रबंधन जैसे नए पाठ्यक्रमआरंभ किए गए हैं.
द.म.रेलवे पर तीन बड़े प्रशिक्षण संस्थान है., वे है. एसटीसी (लालागुडा स्थित पर्यवक्षक प्रशिक्षण केंद्र) और डीटीटीसी (गुंतकल और काजीपेट स्थित डीजल कर्षण प्रशिक्षण केंद्र) इसके अतिरिक्त विभिन्न फील्ड यूनिटों और कारखानों में 7 प्रशिक्षण केंद्र स्थित है वे हैं. काचीगुडा, रामगुंड़म, विजयवाडा, गुत्ती, लालागुडा, तिरूपति, रायनपाडु. नवीकरण और सुधार कार्य यांत्रिक विभाग द्वारा नवीकरण और सुधारात्मक कार्यों पर विशेष जोर दिया है क्योंकि इससे सेवा की गुणवत्ता में सुधार होता है. ये मदें हैं - - कारखानों, डीजल शेडो और कोचिंग डिपो के लिए आईएसओ 9001:2000 गुणवत्ता प्रबंधन और आईएसओ 14001 पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली का प्रमाणन.
- स्वच्छता– कोचों की साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. दक्षिण मध्य रेलवे पर विजयवाडा और गुंतकल स्टेशनों को स्वच्छ गाड़ी स्टेशन के रूप में नामित किया गया है. कोचों की अच्छी सफाई के लिए उच्च दाब जल जेट सफाई संयंत्र से सफाई का काम शुरू किया गया है.
- लैपटाप और सेलफोन के लिए पावर पाइंट – यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से, वातानुकूलित डिब्बों में पहली बार लैपटाप और मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिकल पाइंट उपलब्ध कराए गए हैं.
- रेक आउट – लालागुडा और तिरूपति कारखानों में अगस्त 05 से कोचों को रेकों के रूप में निकालने की प्रणाली शुरू की गयी है.
- रायनपाडु कारखाने की पूर्जे खोलनेवाली शाँप में, डीए गैस के स्थान पर भारत पेट्रोलियम द्वारा सप्लाई की गयी कटिंग गैस का उपयोग किया जा रहा है, जो डीए गैस की तुलना में काफ़ी है.
- गुत्ती में ईंधन पैड– गुत्ती में उपलब्ध कराए गए ईंधन पैड, जो भारतीय रेलों पर अपने प्रकारके पहले है, से डब्ल्यूडीजी 4 इंजनों की उपभोज्य जैसे क्रैंक केस आइल, गियर केस आइल, रेत आदि के लिए, होम शेड हुबली जाए बिना, मरम्मत की जा सकती है. इससे यातायात के लिए इन इंजनों की उपलब्धता बढ़ जाती है.
भविष्य का योजनाएं: - कोचों को आधुनिक अपग्रेड की गयी सामग्री से अपग्रेड करना, जिससे कोच सुंदर तो दिखेंगे ही, साथ ही उनकी आवधिक ओवरहालिंग वार्षिक आधार पर रृकरने के बजाए 18 महीनों में करनी होगी.
- एसीसीएन और जीएससीएन कोचों में देशांतरीय मध्यम बर्थ के रिट्रोफिटमेंट द्वारा यात्रियों के वहन करने की क्षमता को बढ़ाना. यह कार्य सभी सवमाडि डिपो तथा तिरूपति और लालागुडा कारखाने में किया जाएगा.
- ओबीएचएस :इस रेलवे की लंबी दूरी की गाड़ियो में गाड़ी में ही सेवाएं (आन बोर्ड हाइजिनिक सर्विसेस) शुरू की जा रही है, जिसमें शौचालयों सहित कोचों के आंतरिक भागों को चलती गाड़ी में ही प्रर्शिक्षित कर्मचारियों द्वारा आधुनिक मशीन और सामग्री का उपयोग कर साफ किए जाएंगे.
- इस रेलवे के प्रमुख कोचिंग डिपो में कोचों की सफाई मशीनों के द्वारा करते हुए, सफाई के स्तर में सुधार लाया जाएगा.
- दिन के समय विजयवाडा स्टेशन से गुजरने वाली गाड़ियों की साफ-सफाई, 'स्वच्छ गाड़ी योजना' के अंतर्गत की जा रही है, ऐसी योजना गुंतकल रेलवे स्टेशन पर भी शुरू की जाएगी.
- सभी समग्र रेक लिंको वाली गाड़ियों में यात्रियों की सुविधा के लिए लेड आधारित गंतव्य बोर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे.
- बाक्स एन वैगनों की वहन क्षमता को बढ़ाने के लिए, रायनपाडु कारखाने में उन्हें बाक्स एनआर (स्टेनलेस स्टील बॉडी)में परिवर्तित करने की योजना है.
- बेहतर सुविधा के लिए सभी अनारक्षित पैसेंजर डिब्बों में कुशन सीटों का रिट्रो फिटमेंट किए जाने की योजना है.
- रसोई यान के रसोई कक्ष को, क्षरण से बचाने के लिए उसमें स्टैनलेस स्टील का पैनल लगाकर उसका उन्नयन किया जाएगा.इसके अलावा, इन रसोई कक्षों में गैस पाइप- लाइन और 230 वोल्ट एसी पावर सप्लाई उपलब्ध करायी जाएगी.
- यात्री डिब्बों में, आपाती स्थिति में, संरक्षा उपाय के रूप में, इमरजेंसी लाइट भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
- डीजल विद्युत लोकोमोटिव में, उच्च संचलन कुशलता, संरक्षा और कम से कम अनुरक्षण के लिए माइक्रो प्रोसेसर आधारित एक्साइटेशन और प्रोपल्शन कंट्रोल प्रणाली शुरू की गयी है.
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